सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सी आर पी सी की धारा 64 पर लैंगिक भेदभाव का आरोप, सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस
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- November 22, 2022
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सी आर पी सी की धारा 64 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र को नोटिस जारी किया है।
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने नोटिस जारी करते हुए अटॉर्नी जनरल ए वेंकटरमनी को कोर्ट की सहायता करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया है कि सी आर पी सी की धारा 64 लैंगिक भेदभाव पर आधारित है।
याचिकाकर्ता ने कहा है सी आर पी सी की धारा 64 के प्रावधान के अनुसार समन किये गए व्यक्ति की ओर से इसे परिवार की किसी महिला को स्वीकार करने के अधिकार से वंचित रखा गया है। जो लैंगिक भेदभाव को दर्शाता है।
ग़ौरतलब है कि सी आर पी सी की धारा 64 समन की तामील से संबंधित है जबकि संबंधित व्यक्ति न पाया जाए।
इस धारा के प्रावधान के अनुसार अगर समन किया गया शख्स मौजूद नहीं मिलता है तब परिवार या साथ रहने वाले किसी व्यस्क पुरुष सदस्य को समन का जवाब देने की अपेक्षा की जाती है।
याचिकाकर्ता ने सी आर पी सी की धारा 64 को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, और 21 का उल्लंघन बताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय और क़ानून मंत्रालय को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब माँगा है।